Welcome to Jan Siksha Samiti
सरस्वती शिशु मन्दिर योजना के विद्यालयों के शिक्षा एवं संस्कारों से प्रभावित हो देश के ग्रामीण क्षेत्रों में भी विद्यालय खोलने के आग्रह-सन्देश आने लगे। संगठन के कार्यकर्ताओं ने भी नगर तक की शिक्षा को अपूर्ण माना। देश के ग्रामों, गिरिकन्दराओं में निवास करने वाले बंधुओं, जनजातियों, वनवासियों को भी शिक्षित एवं संस्कारित करने के कार्य को चुनौती के रूप में स्वीकार किया। ग्रामीण क्षेत्र में अपने कार्यकर्ता जांए, विद्यालय विकसित करें, इस कार्य को व्यवस्थित रूप देने के लिए उत्तर प्रदेश में 1986 में जनशिक्षा समिति का गठन किया गया। सम्पूर्ण उत्तर प्रदेश को पूर्वी उत्तर प्रदेश एवं पश्चिमी उत्तर प्रदेश में विभाजित किया गया। श्री सूरज सिंह सोलंकी को पश्चिमी उत्तर प्रदेश एवं श्री रामप्रताप सिंह को पूर्वी उत्तर प्रदेश का प्रदेश निरीक्षक बनाया गया। उन्हीं के सहयोगी के रूप में कानपुर सम्भाग निरीक्षक के रूप में श्री प्यारेलाल जी को सम्भाग निरीक्षक बनाया गया। मर्यादा पुरूषोत्तम प्रभु श्रीराम की जन्मस्थली अयोध्या स्थित सरदार गनपतराय सरस्वती विद्यामंदिर रानोपाली अयोध्या, फैजाबाद का जन शिक्षा समिति पूर्वी उत्तर प्रदेश का कार्यालय बनाया गया। श्री रामप्रताप सिंह ने कठिन प्रयासकर विभिन्न स्थानों पर विद्यालयों का शुभारम्भ किया। अपने कार्यकर्ताओं द्वारा चलाए जा रहे कुछ विद्यालयों को जन शिक्षा समिति से सम्बद्ध भी किया। कार्यविस्तार ने गति पकड़ी तो कार्य को और अधिक प्रभावी करने के लिए पूर्वी उत्तर प्रदेश को सन् 1990 में अवध को जन शिक्षा समिति एवं काशी दो प्रान्तों में विभाजित किया गया। संगठन के वरिष्ठ कार्यकर्ता श्री शिवनारायण लाल श्रीवास्तव को जन शिक्षा समिति अवध प्रान्त का प्रदेशनिरीक्षक तथा श्री बेचनसिंह को संभाग निरीक्षक लखनऊ बनाया गया। श्री शिवनारायण लाल श्रीवास्तव जी का 1992 में आकस्मिक निधन होने के पश्चात् श्री बेचनसिंह को जन शिक्षा समिति अवध प्रान्त का प्रदेशनिरीक्षक बनाया गया, कार्यविस्तार एवं समाज के आग्रह पर कार्यकर्ता भी बढ़ाए गए।
सन् 1994 में लखनऊ संभाग का सम्भाग निरीक्षक श्री संताष कुमार सिंह, सन् 1995 में श्री राजकुमार सिंह को संभाग निरीक्षक साकेत, सन् 1996 में श्री आत्माराम को संभाग निरीक्षक कानपुर और सन् 1998 में श्री सूरजदीन सिंह को संभाग निरीक्षक झांसी बनाया गया। सन् 2000 में श्री वासुदेव जी को श्रावस्ती सम्भाग का संभाग निरीक्षक बनाया गया। कार्यविस्तार बढ़ा लखीमपुर के वनक्षेत्र में चन्दनचैकी, बहराइच के सीमा पर रूपईडीहा, बलरामपुर मंे नेपाल सीमा पर पंचपेड़वा प्रकल्प विकसित किए गए। सन् 2004 में श्री संतोष कुमार सिंह का प्रदेश निरीक्षक बनाया गया। जन शिक्षा समिति के विद्यालयों की जो ऋंखला श्री बेचनसिंह ने प्रारम्भ की। उसको सॅंवारनें गुणवत्ता विकसित करने के कार्य ने गति प्राप्त की। सन 2006 में श्री रणवीर सिंह लखनऊ संभाग के संभाग निरीक्षक, 2007 में श्री मिथिलेश कुमार अवस्थी श्रावस्ती, सन् 2009 में जन शिक्षा समिति अवध को अवध एवं कानपुर में विभाजित किया गया। श्री संताष कुमार सिंह गोरक्ष प्रान्त, श्री बेचन सिंह कानपुर देहात प्रान्त, और श्री राजकुमार सिंह को अवध प्रान्त का प्रदेश निरीक्षक बनाया गया। और श्री मिथलेश कुमार अवस्थी जी को सह-प्रदेश निरीक्षक बनाया गया जिन्हें प्रतिनियुक्ति देते हुए 1 अप्रैल 2023 से प्रदेश निरीक्षक बनाया गया. 2017 में श्रीमान कैलाश चंद्र वर्मा एवं श्रीमान मिथिलेश सिंह को संभाग निरीक्षक बनाया गया. 2023 में श्रीमान श्याम मनोहर सिंह को लखनऊ संभाग का संभाग निरीक्षक बनाया गया.
जन शिक्षा समिति, खेलकूद, विज्ञानमेला, संस्कृति ज्ञानपरीक्षा, शैक्षिक प्रदर्शनी आदि के माध्यम से 21 वीं सदी के कौशल एवं राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार अपने विद्यालयों में गुणवत्तायुक्त शिक्षा एवं संस्कार के लिए सतत् प्रयासरत है।